HSRP रजिस्ट्रेशन | यह सिर्फ एक नंबर प्लेट नहीं, एक बड़ा खेल है! जानिए क्यों और कैसे करें अप्लाई
चलिए, एक कप चाय या कॉफ़ी के साथ बैठते हैं और इस उलझन को सुलझाते हैं। अचानक से आपके दोस्त, पड़ोसी, ऑफिस के कलीग, सब एक ही चीज़ के बारे में बात कर रहे हैं – HSRP। आपके फ़ोन पर RTO से मैसेज आ रहे हैं, न्यूज़ में आखिरी तारीख की चेतावनियाँ चल रही हैं, और चालान का एक अनजाना सा डर मन में बैठ गया है। आखिर ये HSRP रजिस्ट्रेशन का पूरा हंगामा है क्या? क्यों सरकार अचानक से चाहती है कि आपकी सालों पुरानी गाड़ी पर भी एक नई, फैंसी सी नंबर प्लेट लग जाए?
ईमानदारी से कहूँ तो, यह सिर्फ एक नंबर प्लेट बदलने की कहानी नहीं है। यह उससे कहीं ज़्यादा गहरी और महत्वपूर्ण है। यह कहानी है टेक्नोलॉजी की, सुरक्षा की, और भारत में गाड़ियों को देखने का नज़रिया बदलने की। तो चलिए, इस कंफ्यूजन के जाले को हटाते हैं और समझते हैं कि HSRP असल में क्या है, यह क्यों ज़रूरी है, और आप इसे बिना किसी झंझट के कैसे लगवा सकते हैं।
HSRP | सिर्फ एक नंबर प्लेट नहीं, आपकी गाड़ी का ‘आधार कार्ड’ है

सबसे पहले, इस गलतफहमी को दूर करते हैं कि HSRP (High Security Registration Plate) सिर्फ एक एल्यूमीनियम की प्लेट है जिस पर नंबर लिखा है। नहीं। इसे अपनी गाड़ी का ‘आधार कार्ड’ समझिए। जैसे आपके आधार कार्ड में आपका यूनिक नंबर, बायोमेट्रिक्स और दूसरी जानकारी होती है, वैसे ही HSRP आपकी गाड़ी को एक यूनिक और लगभग ناقابلِ नकल पहचान देती है।
मुझे जो सबसे दिलचस्प लगता है, वो है इसकी बनावट। यह कोई मामूली प्लेट नहीं है जिसे कोई भी सड़क किनारे बैठा पेंटर बना दे। इसमें कई सिक्योरिटी लेयर्स होती हैं:
- हॉट-स्टैम्प्ड क्रोमियम होलोग्राम: प्लेट पर अशोक चक्र का एक 20mm x 20mm का नीला होलोग्राम होता है, जिसे गर्म करके चिपकाया जाता है। इसे कॉपी करना लगभग नामुमकिन है।
- लेज़र-एच्च्ड परमानेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (PIN): हर प्लेट पर एक 10-डिजिट का यूनिक लेज़र कोड होता है। यह कोड आपकी गाड़ी के चेसिस नंबर और इंजन नंबर से सीधा सरकारी VAHAN पोर्टल पर जुड़ा होता है। मतलब, अब आपकी गाड़ी सिर्फ एक रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं, बल्कि एक डिजिटल पहचान है।
- स्नैप-लॉक सिस्टम: इन प्लेट्स को नॉर्मल स्क्रू से नहीं, बल्कि एक खास तरह के ‘स्नैप-लॉक’ से फिट किया जाता है। एक बार ये लॉक लग गया, तो इसे दोबारा खोला नहीं जा सकता। अगर कोई इसे जबरदस्ती निकालने की कोशिश करेगा, तो यह टूट जाएगा लेकिन खुलेगा नहीं। इससे प्लेट की चोरी या अदला-बदली रुकती है।
- कलर-कोडेड स्टिकर: प्लेट के साथ आपको एक तीसरा होलोग्राम स्टिकर भी मिलता है जिसे आपकी गाड़ी की विंडस्क्रीन पर अंदर की तरफ से लगाया जाता है। यह कलर कोडेड स्टिकर बताता है कि आपकी गाड़ी पेट्रोल, डीज़ल, CNG या इलेक्ट्रिक है और किस BS-VI/IV नॉर्म के तहत रजिस्टर्ड है। यह प्रदूषण जांच के लिए दूर से ही पहचान करने में मदद करता है।
तो अब आप समझे? यह सिर्फ एक प्लेट नहीं, बल्कि आपकी गाड़ी के लिए एक पूरा सिक्योरिटी सिस्टम है।
आखिर सरकार को इसकी इतनी जल्दी क्यों है?

ये एक वाजिब सवाल है। सालों से तो काम चल ही रहा था, फिर अचानक ये राष्ट्रव्यापी अभियान क्यों? इसके पीछे कुछ बहुत ठोस कारण हैं, जो सिर्फ आपकी और मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा से जुड़े हैं।
पहला और सबसे बड़ा कारण है – अपराध पर लगाम। भारत में हर साल हज़ारों गाड़ियां चोरी होती हैं। अपराधी सबसे पहला काम करते हैं गाड़ी की नंबर प्लेट बदलना। एक नकली प्लेट लगाकर उस गाड़ी का इस्तेमाल आतंकवाद, लूटपाट और दूसरे गंभीर अपराधों में किया जाता है। HSRP के साथ, यह लगभग नामुमकिन हो जाता है। क्योंकि हर प्लेट सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस से जुड़ी है, पुलिस किसी भी गाड़ी की असलियत सिर्फ एक स्कैन से पता लगा सकती है।
दूसरा कारण है यूनिफॉर्मिटी और डेटा मैनेजमेंट। पहले हर राज्य में अलग-अलग फॉन्ट और स्टाइल की नंबर प्लेट्स बनती थीं। इससे एक सेंट्रलाइज्ड नेशनल व्हीकल डेटाबेस बनाना बहुत मुश्किल था। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ऑनलाइन अप्लाई प्रक्रिया के ज़रिए, अब पूरे देश में सभी गाड़ियों का डेटा एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट में VAHAN पोर्टल पर इकट्ठा हो रहा है। इससे ट्रैफिक मैनेजमेंट, ई-चालान सिस्टम और कानून लागू करना बहुत आसान हो गया है।
और हाँ, यह कोई नया नियम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में ही इसका आदेश दे दिया था, लेकिन राज्यों में इसे लागू करने की प्रक्रिया धीमी थी। अब सरकार इसे मिशन मोड में पूरा कर रही है। तो यह जल्दीबाज़ी नहीं, बल्कि एक बहुत पुराने और ज़रूरी नियम का सख्ती से पालन है।
HSRP रजिस्ट्रेशन कैसे करें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

चलिए, अब सबसे काम की बात पर आते हैं। इसे अप्लाई करने की प्रक्रिया सुनने में जितनी जटिल लगती है, उतनी है नहीं। बस कुछ बातों का ध्यान रखना है।
एक आम गलती जो मैंने लोगों को करते देखा है, वो है किसी भी रैंडम वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर देना। ऐसा बिलकुल न करें। HSRP रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार द्वारा अधिकृत कुछ ही पोर्टल्स हैं। सबसे प्रमुख है bookmyhsrp.com (जो दिल्ली, यूपी, हिमाचल जैसे कई राज्यों के लिए काम करता है) या फिर आपके राज्य के परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट।
यहाँ एक आसान गाइड है:
- सही वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले SIAM की ऑफिशियल वेबसाइट ‘bookmyhsrp.com’ पर जाएं या अपने राज्य की ट्रांसपोर्ट वेबसाइट को चेक करें।
- गाड़ी की जानकारी भरें: आपको अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर (आखिरी 5 अंक), और इंजन नंबर (आखिरी 5 अंक) भरना होगा। यह जानकारी आपको आपकी गाड़ी की RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) पर मिल जाएगी। इसे बहुत ध्यान से भरें।
- डीलर या होम डिलीवरी चुनें: अब आपके पास दो विकल्प होंगे। या तो आप अपनी गाड़ी के ब्रांड के किसी अधिकृत डीलरशिप पर जाकर प्लेट लगवा सकते हैं, या कुछ शहरों में होम डिलीवरी का विकल्प भी मौजूद है (जिसके लिए थोड़ा अतिरिक्त शुल्क लगता है)। मेरी सलाह है कि डीलर का विकल्प चुनें, यह ज़्यादा भरोसेमंद है।
- अपॉइंटमेंट की तारीख और समय चुनें: अपनी सुविधा के अनुसार डीलरशिप पर जाने के लिए एक तारीख और टाइम स्लॉट बुक करें।
- ऑनलाइन पेमेंट करें: आखिर में, आपको HSRP नंबर प्लेट की कीमत का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। यह कीमत आपकी गाड़ी (टू-व्हीलर, फोर-व्हीलर) के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर ₹400 से ₹1200 के बीच होती है। पेमेंट के बाद रसीद को डाउनलोड करके सेव कर लें।
- डीलरशिप पर जाएं: तय तारीख पर पेमेंट की रसीद और गाड़ी की RC लेकर डीलरशिप पर जाएं। वहां मैकेनिक आपकी पुरानी प्लेट निकालकर नई HSRP लगा देगा।
बस, हो गया आपका काम! अब आप ट्रैफिक पुलिस के चालान से भी सुरक्षित हैं और आपकी गाड़ी भी। आप अपने एप्लीकेशन का वाहन HSRP स्टेटस चेक भी वेबसाइट पर कर सकते हैं। और अधिक समाचार के लिए, आप हमारे पोर्टल को भी देख सकते हैं।
HSRP से जुड़े धोखेबाजों से कैसे बचें?

जैसे ही कोई नई सरकारी योजना आती है, धोखेबाज़ एक्टिव हो जाते हैं। HSRP के मामले में भी ऐसा ही हो रहा है। कई फर्जी वेबसाइट्स और एजेंट्स घूम रहे हैं जो कम कीमत पर या बिना अपॉइंटमेंट के HSRP लगवाने का दावा करते हैं। इनसे सावधान रहें।
याद रखें:
- HSRP सिर्फ सरकार द्वारा अधिकृत डीलर या वेंडर ही लगा सकता है।
- पेमेंट हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही करें, किसी के पर्सनल अकाउंट में नहीं।
- अगर कोई सड़क किनारे HSRP लगाने का दावा कर रहा है, तो वह 100% नकली है।
इस मामले में कोई शॉर्टकट न अपनाएं, वरना आपके पैसे भी जाएंगे और आपको असली HSRP भी नहीं मिलेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
मेरी गाड़ी 10 साल पुरानी है, क्या मुझे भी HSRP लगवानी होगी?
जी हाँ। यह नियम 1 अप्रैल 2019 से पहले खरीदी गई सभी पुरानी गाड़ियों पर लागू है, चाहे वो कितनी भी पुरानी क्यों न हो। अगर आपकी गाड़ी पर पहले से HSRP नहीं लगी है, तो आपको इसे लगवाना अनिवार्य है।
HSRP की आखिरी तारीख क्या है?
HSRP की आखिरी तारीख हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है। सरकार इसे समय-समय पर बढ़ाती भी रहती है। सबसे सटीक जानकारी के लिए अपने राज्य के परिवहन विभाग की आधिकारिक घोषणाओं पर नज़र रखें। आखिरी तारीख का इंतज़ार न करें, आज ही अप्लाई कर दें।
क्या मैं अपनी पसंद का डीलर चुन सकता हूँ?
नहीं, आप सिर्फ अपनी गाड़ी की कंपनी (जैसे मारुति, हुंडई, हीरो) के अधिकृत डीलर्स में से ही चुन सकते हैं, जिनकी लिस्ट आपको वेबसाइट पर बुकिंग के समय दिखेगी।
अगर मैंने एप्लीकेशन में कोई गलती कर दी तो क्या होगा?
अगर आपने पेमेंट नहीं किया है, तो आप नई एप्लीकेशन भर सकते हैं। अगर पेमेंट हो गया है, तो आपको वेबसाइट पर दिए गए कस्टमर केयर नंबर या ईमेल पर संपर्क करना होगा। इसलिए जानकारी भरते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।
क्या HSRP के लिए कोई सरकारी शुल्क भी है?
नहीं, HSRP की जो कीमत आप ऑनलाइन चुकाते हैं, उसमें प्लेट की लागत, फिटमेंट चार्ज और सरकारी शुल्क सब कुछ शामिल होता है। डीलर पर आपको कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देना है।
तो अगली बार जब आप अपनी गाड़ी पर लगी उस चमचमाती हुई HSRP प्लेट को देखें, तो उसे सिर्फ एक नियम या चालान से बचने का तरीका न समझें। यह एक छोटा सा, लेकिन बहुत शक्तिशाली कदम है एक ज़्यादा सुरक्षित, ज़्यादा स्मार्ट और ज़्यादा ऑर्गनाइज्ड भारत की तरफ। और इस बदलाव का हिस्सा बनकर, आपने भी अपना योगदान दिया है। यह सिर्फ एक नंबर प्लेट नहीं है, यह एक आश्वासन है। और जानना चाहते हैं व्यवसाय से जुडी ख़बरों के बारे में? यहाँ देखें।